जी हां, तनाव से बढ़ता है वजन

जी हां, तनाव से बढ़ता है वजन

सेहतराग टीम

सुनने में अजीब लगता है मगर ये बात भारतीय कहावतों से थोड़ी उलट लगती है। अकसर जब हम किसी का वजन गिरा हुआ देखते हैं तो सबसे पहला सवाल यही करते हैं कि भई किस बात की च‍िंता खाए जा रही है जो दुबले हो गए हो। यानी तनाव के कारण लोगों का वजन गिरना सामान्‍य बात है। कहावत भी है, ‘काजी जी दुबले क्‍यों, शहर के अंदेशे से।’ मगर अब अध्‍ययनों से ये साबित हो रहा है कि तनाव के कारण वजन बढ़ भी सकता है।

क्‍यों होता है ऐसा

दरअसल तनाव के दौरान शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन ज्‍यादा बनने लगता है जो कि शरीर की भूख की भावना को बढ़ा देता है। दिमाग में ये भावना उभरने पर हमें ज्‍यादा एनर्जी की जरूरत महसूस होने लगती है और इसके लिए हम ज्‍यादा चीनी या वसा वाली चीजें खाना चाहते हैं। ऐसे में तली-भुनी चीज खाने का मन ज्‍यादा करता है जिनमें कैलरी बहुत अधिक होती है।

क्‍या कहते हैं वैज्ञानिक

हालांकि अब वैज्ञानिकों ने इस मामले में और भी सूक्ष्‍म खोज की है। ऑस्ट्रेलिया में गर्वान इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क में एक आणविक मार्ग की खोज की, जो इंसुलिन द्वारा नियंत्रित होता है और जो अतिरिक्त वजन को बढ़ाता है।

चूहों पर प्रयोग

टीम ने एक पशु मॉडल का उपयोग करते हुए दिखाया कि तनाव के दौरान जब उच्च कैलोरी आहार का सेवन किया जाता है तो अधिक वजन बढ़ सकता है। तनावमुक्त माहौल में यही आहार लेने पर अधिक वजन नहीं बढ़ता है।

अध्ययन का नेतृत्व करने वाले हरबर्ट हर्जोग ने कहा, ‘इस अध्ययन से संकेत मिलता है कि हमें उस दौरान खाने के बारे में अधिक सचेत रहना होगा जब हम तनाव में होते हैं ताकि हम तेजी से विकसित होने वाले मोटापे से बच सकें।’ 

निष्‍कर्ष

टीम ने यह समझने के लिए कि ‘स्ट्रेस ईटिंग’ क्या है, चूहों के मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों की जांच की। सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक केनी ची किन ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से पता चला है कि जब एक लंबी अवधि तक तनाव होने पर उच्च कैलोरी आहार पर जोर दिया गया तो चूहों में उन लोगों की तुलना में अधिक तेजी से मोटापा बढ़ गया जो तनावमुक्त माहौल में इसी प्रकार के उच्च वसा वाले भोजन का सेवन करते थे।’

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